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Monday, February 19, 2018

नीरव मोदी, गुप्ता बंधु और नरेश गोयल में क्या समान है ?


नीरव मोदी का घोटाला 20 हजार करोड़ तक पहुंचने का अनुमान ।

पंजाब नेशनल बैंक ही नहीं, अभी और भी कई बैंक इसकी चपेट में आने वाले हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते के 3 बड़े घोटालों के बीच एक व्यक्ति का नाम हर जगह उभर कर आ रहा है और वो है जैट ऐयरवेज़ के मालिक नरेश गोयल का। जैट ऐयरवेज़ की हवाई उड़ानों पर नीरव मोदी के विज्ञापन अभी तक प्रसारित हो रहे हैं। इन दोनों कंपनियों के बीच आर्थिक लेनदेन का जो कारोबार चल रहा है, क्या वह विशुद्ध व्यवसायिक शर्तों पर है या वहां भी मोटी रकम को इधर से उधर ठिकाने लगाने का धंधा चल रहा है? इसकी जांच होनी चाहिए। तस्करी और हवाला के कामों में इस तरह की कंपनियों का घालमेल होना समान्य सी बात होती है। अभी पिछले ही दिनों प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारीयों ने लखनऊ हवाई अड्डे पर जेट ऐयरवेज़ के अधिकारियो को गिरफ्तार किया जो खाड़ी से आने वाली जेट ऐयरवेज़ की उड़ानों में सोने और हीरे की तस्करी करवा रहे थे |

उधर दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति ज़ूमा को भारी भ्रष्टाचारों के आरोपों के बाद अपने पद से हटना पड़ा। संभावना ये है कि उन्हें जल्दी ही जेल भी हो सकती है। उन पर सहारनपुर के गुप्ता बंधुओं के साथ दक्षिणी अफ्रीका में हजारों करोड़ के घोटाले करने का आरोप है। उल्लेखनीय है कि गुप्ता बंधुओं के परिवार की शादी के लिए ही जैट ऐयरवेज़ का हवाई जहाज दिल्ली से उड़कर, अवैध रूप से दक्षिणी अफ्रीका के रक्षा क्षेत्र के प्रतिबंधित हवाई अड्डे पर उतरा था। जिस हवाई जहाज में तमाम ताकतवर लोगों के अलावा उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव और आजम खान भी मेहमान बनकर गये थे। उस हवाई अड्डे पर कस्टम विभाग के अधिकारियों की तैनाती नहीं होती। जिसका लाभ उठाकर भारी मात्रा में अवैध सूटकेस हवाई जहाज से उतारकर मिनटों में गायब कर दिये गये थे। चूंकि दक्षिणी अफ्रीका के राष्ट्रपति ज़ूमा के इन गुप्ता बंधुओं से व्यापारिक नाते हैं, इसलिए यह सब बड़ी आसानी से हो गया। पर फौरन ही इस पर वहां मीडिया में तूफान मच गया। हमने जब इसी कॉलम में इस मामले को उठाया और नागरिक उड्डयन मंत्री महेश शर्मा से उसकी लिखित शिकायत की, तो उन्होंने इसे अपने से पहली सरकार के समय हुई घटना बताकर टाल दिया और कोई जांच नहीं करवाई। हमारे बार-बार पीछे पड़ने पर भारत सरकार का कहना था कि इससे हमारे दक्षिण अफ्रीका से संबंधों पर विपरीत असर पड़ेगा। इसलिए जांच नहीं की जा सकती।

अब जबकि पूर्व राष्ट्रपति ज़ूमा और गुप्ता बंधु दोनों दक्षिण अफ्रीका में भ्रष्टाचार के मामलों में जांच के घेरे में आ चुके हैं, तो भारत सरकार को भी इस मामले  प्रभावी जांच तेज़ी से करवानी चाहिए। अपने स्तर पर मैं दक्षिण अफ्रीका के नये राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री जी को इस आशय का पत्र लिख रहा हूं।

उल्लेखनीय है कि ज़ूमा के गद्दी छोड़ने से पहले ही गुप्ता बंधु अफ्रीका से भाग निकले और दुबई में जाकर शरण ले ली है। जहां बसने के लिए उन्हें अपनी अकूत कमाई में से मोटी रकम देनी पड़ी है, ऐसा सूत्रों से पता चला है। उनके इस पूरे ऑपरेशन में मुख्य सूत्रधार की भूमिका जैट ऐयरवेज़ के मालिक नरेश गोयल ने  निभाई है। जो स्वयं दुबई में बसे हुए हैं।

भारत सरकार के लिए यह चिंता की बात होनी चाहिए कि जैट ऐयरवेज़ के तमाम घोटाले और देशद्रोह के आचरण के बावजूद उसकी जांच को सभी  ऐजेंसियां व सीबीआई दबाकर बैठे हैं। अब तो अपने घोटालों के अलावा जैट ऐयरवेज़ के मालिक  का नीरव मोदी और दक्षिण अफ्रीका के गुप्ता बंधुओं से गाढ़ा नाता सामने आ रहा है।

पिछले हफ्ते इसी कॉलम में हमने जैट ऐयरवेज़ के घोटालों की एक बानगी फिर से पेश की थी और बताया था कि हमने प्रधानमंत्री जी से देशद्रोह के इस कांड की ईमानदार जांच कराने की लिखकर अपील की है। उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रधानमंत्री जी अपने अधीन नागरिक उड्डयन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय व गृह मंत्रालय की नीरव मोदी या नरेश गोयल जैसे बड़े घोटालेबाजों से साझ-गांठ की पारदर्शी जांच कराने में अब बिल्कुल देर नहीं करेंगे।

क्योंकि अगर इतने बडे़ कांडों में अब भी सही जांच नहीं की गई, तो भविष्य में जैट ऐयरवेज़ जैसी कंपनियां भारत की अर्थव्यवस्था को और भी बड़ा झटका दे सकती है। फिर कहीं ये न कहना पड़े, ‘‘अब पछताये होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत’’।

वैसे सीबीआई के मौजूदा निदेशक से तो इस मामले में कोई उम्मीद नहीं की जा सकती। क्योंकि वे जब से इस पद पर आए हैं, तब से उन्हें जैट ऐयरवेज़ और नागरिक उड्डयन मंत्रालय की मिलीभगत और भ्रष्टाचार की पूरी रिर्पोट मय सबूत दी जा चुकी है। पर फिर भी उन्होंने इस पर आजतक कोई कार्यवाही नहीं की। अलबत्ता सीबीआई के आला अफसरों को व्यक्तिगत स्तर पर हमारे 'कालचक्र समाचार ब्यूरो' ने जब ये दस्तावेज दिखाये, तो वे यह देखकर हैरान रह गये कि इतना ठोस मामला होने के बावजूद भी अभी जांच क्यों नहीं हुई।

नीरव मोदी के मामले में भी यही बात सामने आ रही है कि तीन बरस से उसके घोटालों की जानकारी, सभी संबंधित जांच ऐजेंसियों को कुछ लोगों द्वारा मय सबूत के दी जा रही थी। पर किसी ने न तो जांच की, न नीरव मोदी की पकड़-धकड़ की और न ही घोटाले को आगे होने से रोका।
प्रधानमंत्री के लिए ये बहुत चिंता की बात होनी चाहिए कि उनकी नाक के नीचे इतने बड़े घोटाले हो रहे हैं, आम जनता के खून-पसीने का हजारों करोड़ रूपया हजम कर मुट्ठीभर लोग दुनियाभर में अययाशी कर रहे हैं और फिर भी कानून की गिरफ्त से बाहर हैं।